An Unbiased View of shiv chalisa lyricsl
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर,दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुत�
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर,दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुत�